Amethi:- जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक हुई आयोजित
*जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक हुई आयोजित।*
*10 और 17 अगस्त 2023 को 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल की गोली।*
अमेठी। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। बच्चों में बढ़ते कुपोषण की रोकथाम, शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 अगस्त 2023 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही 17 अगस्त को मॉक-अप दिवस का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी ने आज स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य अधिकारियों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सीएमओ डा. अंशुमान सिंह ने बताया कि आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा अभियान के तहत 1 से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को आंगनबाड़ी केंद्रों व विद्यालयों में पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेन्डाजाल गोली निशुल्क खिलाई जाएगी। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम से पूर्व सभी स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों पर दवा पहुंचाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए। सीएमओ ने बताया कि जनपद अमेठी में 983232 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके सापेक्ष 1182700 एल्बेंडाजोल की गोलियां प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि 1 से 2 वर्ष तक के बच्चे को ऐल्बेण्डाजोल 400 एमजी की आधी गोली एवं 3 से 19 साल के बच्चे को 1 गोली चबाकर खाने को दी जाएगी। जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं उन्हें भी आंगनबाड़ी केन्द्रों के मार्फत दवा खिलाई जाएगी। अभियान में शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने बताया कि यह दवा पूर्णतया सुरक्षित है। जो बच्चे स्वस्थ दिखें उन्हें भी ये खिलाई जानी है क्योंकि कृमि संक्रमण का प्रभाव कई बार बहुत वर्षों बाद स्पष्ट दिखाई देता है। दवा से पेट के कीड़े मरते हैं इसलिए कुछ बच्चों में जी मिचलाना, उल्टी या पेट दर्द जैसे सामान्य छुट-पुट लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि जो बच्चे बीमार हैं या कोई अन्य दवा ले रहे हैं उनको ये दवाई नहीं खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि शरीर में कृमि संक्रमण से शरीर और दिमाग का संपूर्ण विकास नहीं होता है। कुपोषण और खून की कमी होने से हमेशा थकावट रहती है। भूख ना लगना, बेचैनी, पेट में दर्द, उल्टी-दस्त व वजन में कमी आने जैसी समस्याएं हो जाती हैं। बच्चों में सीखने की क्षमता में कमी और भविष्य में कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राम प्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक रीता सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत यादव सहित अन्य संबंधित अधिकारी व समस्त एमओआईसी मौजूद रहे।
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